मुक्तक
*
चुप्पियाँ बहुधा बहुत आवाज़ करती हैं
बिन बताये ही दिलों पर राज करती हैं
बनीं-बिगड़ी अगिन सरकारें कभी कोई
आम लोगों का कहो क्या काज करती हैं?
*
दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें