यहाँ-वहाँ भटके बहुत चलें नीड की ओर
जुड़े रहें हम जड़ों से टूट न पाए डोर
निशा-तिमिर से भय न कर, रहें सजग हम-आप
कोरोना मिटा जाएगा, कल है उज्ज्वल भोर
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दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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