कुल पेज दृश्य

मंगलवार, 27 अक्तूबर 2020

राजस्थानी मुक्तिका

राजस्थानी मुक्तिका 
संजीव 
*
बखत पड्यां पे अल्ला-राम
सुमिरै बेबस गंगाराम
*
पढ़बो-लिखबो; घर सूँ खड़बो 
सीख खड़ा छै चंगाराम
*
रंग बदल्या-ढंग बदलग्या 
नेता बण ग्या नंगाराम 
*
अपनापन बातां-नातां को 
मोल भुला र् या दंगाराम 
*
आगे-पाछे अगल्या-बगल्या
ढेर कांकरा पंगाराम 
*
अड़बो-लड़बो बिना बात के 
नसां नसां बेढंगा राम 
*
भ्रष्टाचारी पोलां कर दी 
नीं कुतर ग्यो  तंगाराम 
*** 
   

कोई टिप्पणी नहीं: