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शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2020

आरती भारत माता की

भारत आरती
संजीव 
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आरती भारत माता की
सनातन जग विख्याता की
*
सूर्य ऊषा वंदन करते
चाँदनी चाँद नमन करते
सितारे गगन कीर्ति गाते
पवन यश दस दिश गुंजाते
देवगण पुलक, कर रहे तिलक 
ब्रह्म हरि शिव उद्गाता की
आरती भारत माता की
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हिमालय मुकुट शीश सोहे
चरण सागर पल पल धोए
नर्मदा कावेरी गंगा
ब्रह्मनद सिंधु करें चंगा
संत-ऋषि विहँस,  कहें यश सरस 
असुर सुर मानव त्राता की
आरती भारत माता की
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करें श्रृंगार सकल मौसम
कहें मैं-तू मिलकर हों हम
ऋचाएँ कहें सनातन सच
सत्य-शिव-सुंदर कह-सुन रच
मातृवत परस, दिव्य है दरस  
अगिन जनगण सुखदाता की
आरती भारत माता की
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द्वीप जंबू छवि मनहारी
छटा आर्यावर्ती न्यारी
गोंडवाना है हिंदुस्तान 
इंडिया भारत देश महान
दीप्त ज्यों अगन, शुद्ध ज्यों पवन 
जीव संजीव विधाता की
आरती भारत माता की
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मिल अनल भू नभ पवन सलिल
रचें सब सृष्टि रहें अविचल
अगिन पंछी करते कलरव
कृषक श्रम कर वरते वैभव
अहर्निश मगन, परिश्रम लगन 
ज्ञान-सुख-शांति प्रदाता की
आरती भारत माता की
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३०-१०-२०२०

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