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आसमान में अटक्या सूरज
गेला भूला भटक्या सूरज
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संसद भीतर बैठ कागलो
काँव-काँव सुन थकग्या सूरज
कोरोना ने रस्ता छेंका
बदरी पीछे छिपग्या सूरज
भरी दफेरी बैठ हाँफ़ र् यो
बिना मजूरी चुकग्या सूरज
धूली चंदण नै चपकेगी
भेळा करता भटक्या सूरज
चादर सीतां सीतां थाका
लून-तेल में फँसग्या सूरज
साँची-साँची कहें सलिल जी
नेता बण ग्यो ठग र् या सूरज
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१३-१०-२०२०
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