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सोमवार, 5 अक्तूबर 2020

राजस्थानी भाषा पन्नालाल कटारिया 'बिठौड़ा'

राजस्थानी भाषा
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वीर शिरोमणी धरती री पहचाण है या परिभाषा है
सारी भाषावां सूं न्यारी राजस्थानी भाषा है
समला जग में या जस पावे जन-जन री अभिलाषा है
सारी भाषावां सूं न्यारी राजस्थानी भाषा है
मायड़ भाषा रे सगला हेतालुवां ने हेलो है
अपणी भाषा में बतलाणों फरज आपणो पेलो है
सबद-सबद इतरो मीठो मन कैवे वाह-सा वाह-सा है
सारी भाषावां सूं न्यारी राजस्थानी भाषा है
गांव-स्हैर ढाणी-ढाणी जन-जन ने जाय जगाणो है
मासी काकी भुआ बिच्चै मां ने मान दिराणो है
अठा सूं बोल्या है बाङसा अर वठा सूं बोल्या माङसा है
सारी भाषवां सूं न्यारी राजस्थानी भाषा है
म्हांने म्हांकी मायड़ भाषा पे है घणो मान-अभिमान
म्हांके संग सगला जगआला गावे राजस्थानी गुणगान
आबाआली पीढ़ी रे मन री जीवन री आशा है
सारी भाषावां सूं न्यारी राजस्थानी भाषा है
(संकलित)
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