एक सोरठा:
उद्यम से हो सिद्ध, कार्य मनोरथ से नहीं।
'सलिल, लक्ष्य हो बिद्ध, सतत निशाना साधिए।।
*
उद्यम से हो सिद्ध, कार्य मनोरथ से नहीं।
'सलिल, लक्ष्य हो बिद्ध, सतत निशाना साधिए।।
*
दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
कोई टिप्पणी नहीं:
टिप्पणी पोस्ट करें