मुक्तिका
*
कौन सगा है? कौन पराया है?
ठेंगा सबने हमें बताया है
*
पड़ी जरूरत याद किया हमको
काम हुआ झट हमें भुलाया है
*
जिसका दामन पाक रहा दिखता
मिला पंक में हमें नहाया है
*
स्वर्ण महल में मिले इंद्र-रावण
सीता को वनवास दिलाया है
*
प्राण रहे जिसमें संजीव वही
सत्य समय ने यही सिखाया है
***
अठारह मात्रिक पौराणिक जातीय छंद
*
कौन सगा है? कौन पराया है?
ठेंगा सबने हमें बताया है
*
पड़ी जरूरत याद किया हमको
काम हुआ झट हमें भुलाया है
*
जिसका दामन पाक रहा दिखता
मिला पंक में हमें नहाया है
*
स्वर्ण महल में मिले इंद्र-रावण
सीता को वनवास दिलाया है
*
प्राण रहे जिसमें संजीव वही
सत्य समय ने यही सिखाया है
***
अठारह मात्रिक पौराणिक जातीय छंद
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें