आज का विचार today's thought:
मित्र TRUE FRIEND
संजीव 'सलिल'
*
मित्र मेरे!
किया जीवन धनी तुमने
हम मिले
यह ईश्वर की चाह थी.
दोस्ती की राह
बेहद खुशनुमा है.
मित्र के संग टहलना
कितना मधुर है.
हाथ को छूकर ह्रदय तक
पहुँचता है मित्र सच्चा.
प्रिय मुझे बेहद.
भावनाओं से भरे सन्देश पाकर
तृप्त, लगता ही नहीं देखूं तुम्हें मैं.
आत्मा तेरी धड़कती
हृद-पटल पर-
भेजते हो जब
मुझे सन्देश कोई.
ख्याल तेरा गर्मजोशी,
मित्रता का भाव लाया.
काश, मिल सकते अभी हम
किन्तु तुम हो दूर बेहद.
दूरियों को मिटाती हैं
बात तेरी याद आकर.
***
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