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बुधवार, 13 अक्तूबर 2010

हिंदी शब्द सलिला : ६ अ से प्रारंभ होनेवाले शब्द : ६ -------संजीव 'सलिल'

हिंदी शब्द सलिला : ६
संजीव 'सलिल'
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संकेत : अ.-अव्यय, अर. अरबी, अक्रि.-अकर्मक क्रिया, अप्र.-अप्रचलित, अर्थ.-अर्थशास्त्र, अलं.- अलंकार, अल्प-अल्प (लघुरूप) सूचक, आ.-आधुनिक, आयु.-आयुर्वेद, इ.-इत्यादि, इब.-इबरानी, उ. -उर्दू, उदा.-उदाहरण, उप.-उपसर्ग, उपनि.-उपनिषद, अं.-अंगिका, अंक.-अंकगणित, इ.-इंग्लिश/अंगरेजी, का.-कानून, काम.-कामशास्त्र, क्व.-क्वचित, ग.-गणित, गी.-गीता, गीता.-गीतावली, तुलसी-कृत, ग्रा.-ग्राम्य, ग्री.-ग्रीक., चि.-चित्रकला, छ.-छतीसगढ़ी, छं.-छंद, ज.-जर्मन, जै.-जैन साहित्य, ज्या.-ज्यामिति, ज्यो.-ज्योतिष, तं.-तंत्रशास्त्र, ति.-तिब्बती, तिर.-तिरस्कारसूचक, दे.-देशज, देव.-देवनागरी, ना.-नाटक, न्या.-न्याय, पा.-पाली, पारा.- पाराशर संहिता, पु.-पुराण, पुल.-पुल्लिंग, पुर्त. पुर्तगाली, पुरा.-पुरातत्व, प्र.-प्रत्यय, प्रा.-प्राचीन, प्राक.-प्राकृत, फा.-फ़ारसी, फ्रे.-फ्रेंच, ब.-बघेली, बर.-बर्मी, बहु.-बहुवचन, बि.-बिहारी, बुं.-बुन्देलखंडी, बृ.-बृहत्संहिता, बृज.-बृजभाषा  बो.-बोलचाल, बौ.-बौद्ध, बं.-बांग्ला/बंगाली, भाग.-भागवत/श्रीमद्भागवत, भूक्रि.-भूतकालिक क्रिया, मनु.-मनुस्मृति, महा.-महाभारत, मी.-मीमांसा, मु.-मुसलमान/नी, मुहा. -मुहावरा,  यू.-यूनानी, यूरो.-यूरोपीय, योग.योगशास्त्र, रा.-रामचन्द्रिका, केशवदस-कृत, राम.- रामचरितमानस-तुलसीकृत, रामा.- वाल्मीकि रामायण, रा.-पृथ्वीराज रासो, ला.-लाक्षणिक, लै.-लैटिन, लो.-लोकमान्य/लोक में प्रचलित, वा.-वाक्य, वि.-विशेषण, विद.-विदुरनीति, विद्या.-विद्यापति, वे.-वेदान्त, वै.-वैदिक, व्यं.-व्यंग्य, व्या.-व्याकरण, शुक्र.-शुक्रनीति, सं.-संस्कृत/संज्ञा, सक्रि.-सकर्मक क्रिया, सर्व.-सर्वनाम, सा.-साहित्य/साहित्यिक, सां.-सांस्कृतिक, सू.-सूफीमत, स्त्री.-स्त्रीलिंग, स्मृ.-स्मृतिग्रन्थ, ह.-हरिवंश पुराण, हिं.-हिंदी.     

अ से प्रारंभ होनेवाले शब्द : ६

संजीव 'सलिल'

अकुंठित - वि. सं. देखें अकुंठ.
अकुच - वि. आकुंचित, बिखरा हुआ.
अकुटिल - वि. सं. भोला-भला, सरल, निष्कपट.
अकुताना -  अक्रि. देखें उकताना.
अकुतोभय  - वि. सं.जिसे कहीं-किसी से भय न हो, नितांत भय शून्य, निर्भय, निडर, निर्भीक.
अकुत्सित  - वि. सं. अनिन्दनीय, जो बुरा न हो.
अकुप्य/अकुप्यक  - वि. सं.पु. सं. वह धातु जो बुरी न हो, सोना, चाँदी.
अकुमार - वि. सं. जो कुमार/कुवांरा न हो, वयस्क.
अकुल - वि. सं. अकुलीन, कुलरहित, अज्ञात कुल, निम्न कुल का,बुरा कुल, पु. शिव.
अकुला - वि. सं. अकुलीन, कुलरहित, अज्ञात कुल, निम्न कुल का,बुरा कुल, स्त्री. शिवा.
अकुलाना - अक्रि. आकुल होना, घबड़ाना, विव्हल होना, मगन होना,
अकुलिनी - स्त्री. व्यभिचारिणी, निषिद्ध आचरण करनेवाली. वि. स्त्री. व्यभिचारिणी.
अकुलीन - वि. सं. हीन / निम्न कुल का, नीच कुल में जन्मा, कमीना, भूमि से संबंध न रखनेवाला, जिसके पिता अज्ञात हों, अपार्थिव. 
अकुशल - वि. सं. अनाड़ी, काम में कच्चा, कार्य न जाननेवाला, भाग्यहीन, अशुभ. पु. बुराई, अमंगल, बुरा शब्द. -श्रमिक- पु. साधारण मजदूर, अनस्किल्ड लेबर इं.
अकुसीद - वि. सं. सूद / ब्याज / लाभ न लेनेवाला.
अकुह / अकुहक - पु. सं. ईमानदार आदमी.
अकूट - वि. सं. जो धोखा न दे, विश्वस्त, अचूक अस्त्र, जो खोटा न हो सिक्का / मनुष्य.
अकूत - वि. सं. जिसे कूतना / आँकना / अनुमानना / अंदाज़ना संभव न हो, विपुल, अपरिमित, असीम, अनंत, अशेष. अ. अचानक, अकस्मात्.
अकूपार / अकूवार - पु. सं. समुद्र, सूर्य, कच्छप, वह महाकच्छप जिसने धरती का भार उठा रखा है. वि. अच्छे परिमाणवाला, अपरिमित, असीम.
अकूर्च - वि. सं. कपटरहित, छलहीन, खल्वाट, जिसकी दाढ़ी न हो, पु. बुद्ध.
अकूल - वि. सं. बिना कूल / किनारे का. सीमा / मर्यादारहित.
अकूहल - वि. अत्यधिक, अगणित.
अकृच्छ - वि. सं. बिना क्लेश, कठिनाई का, आसान. पु. क्लेश / कठिनाई का अभाव.
कृच्छी/अकृच्छिन - वि. सं. क्लेशरहित.
अकृत - वि. सं. जो पूरा न किया गया हो, बिगड़ गया हो, अन्यथा किया हुआ, जो किसी के द्वारा बनाया न गया हो, अकृत्रिम, जिसने कुछ किया न हो, अविकसित, अपक्व. पु. अधूरा काम, किसी काम का पूरा न किया जाना, प्रकृति, कारण, मोक्ष. -कार्य- व. असफल मनोरथ. -काल- वि. कालबाह्य, गैरमियादी उ., बिना मुद्दत का (बंधक). -चिकीर्षा- स्त्री. सामादि उपायों से नयी संधि करना और उनमें  छोटे, बड़े और समकक्ष राजाओं का यथायोग्य ध्यान रखना. -ज्ञ- वि. कृतघ्न, उपकार न माननेवाला. -धी / बुद्धि- वि. जिसे पूरा ज्ञान न हो, -शुल्क- वि. चुंगी / स्थानीय कर न देनेवाला, जिस पर चुंगी न लगी हो.
अकृता - स्त्री. सं. पुत्र के समान अधिकारिणी न मानी गई कन्या.  
अकृतात्मा / अकृतात्मन - वि. सं. अज्ञानी, असंस्कृत मतवाला, साधक जिसे ईश्वर का साक्षात्कार न हुआ हो.
अकृताभ्यम - पु. सं. अकृत कर्म के फल की प्राप्ति.
अकृतार्थ - वि. सं. विफल, असंतुष्ट.
अकृतास्न - वि. सं. जिसने अस्त्र-संचालन न सीखा हो.
अकृती / अकृतिन  - वि. सं. अकुशल, अनाड़ी, निकम्मा.
अकृतोद्वाह - वि., अविवाहित.
अकृत्त - वि. सं. न कटा हुआ, जिसकी कतर-ब्योंत न की गई हो.
अकृत्य - वि. सं. जो करने योग्य न हो, पु. दुष्कर्म, अपराध, पाप. -कारी / कारिन - वि. कुकर्मी, दुकर्मी, अपराधी. पापी..
अकृत्रिम - वि. सं. जो बनावटी न हो, स्वाभाविक, प्राकृतिक, सच्चा. अमली उ..
अकृत्स्न - वि. सं. अधूरा, जो पूरा न हुआ हो.
अकृप - वि. सं. निर्दय, दयाहीन.
अकृपण  - वि. सं. जो कंजूस न हो, उदार.
अकृपा - वि. सं. कृपा का अभाव, नाराजगी.
अकृश - वि. सं. जो दुबला-पतला न हो, सबल, मोटा-ताज़ा, हृष्ट-पुष्ट. -लक्ष्मी- वि. वैभवशाली. स्त्री. प्रभूत ऐश्वर्य.
अकृषिक - वि. सं. जिसका संबंध कृषि से न हो.
अकृषित - वि. सं. अहल्या, भूमि जो जोती-बोयी न गई हो, बंजर, अनकल्टीवेटेड इं. बैरन इं.
अकृष्ट - वि. सं. जो जोता / खींचा न गया हो, पु. परती जमीन, -पच्य- वि. बिना जुटे खेत में उगने-पकनेवाला, शस्य सं. -पूर्वा भूमि- स्त्री. अहल्या सं., भूमि जो जोती-बोयी न गई हो, वर्जिन सॉइल इं. -रोही/रोहिन- वि. बिना जुटी जमीन में अपने आप उगनेवाला.
अकृष्ण - वि. सं. जो काला / श्याम न हो, श्वेत, सफेद, निर्मल, शुद्ध, राधा, गौरांगी. पु. निष्कलंक, चन्द्रमा. -कर्मा / कर्मन- वि. पुण्यात्मा, निर्दोष, निष्पाप.
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