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रविवार, 10 अक्तूबर 2010

माँ दुर्गा की स्तुति

माँ दुर्गा की स्तुति



प्रो सी बी श्रीवास्तव "विदग्ध "

vivek1959@yahoo.co.in



हे सिंहवाहिनी , शक्तिशालिनी , कष्टहारिणी माँ दुर्गे

महिषासुर मर्दिनि,भव भय भंजनि , शक्तिदायिनी माँ दुर्गे





तुम निर्बल की रक्षक , भक्तो का बल विश्वास बढ़ाती हो

दुष्टो पर बल से विजय प्राप्त करने का पाठ पढ़ाती हो

हे जगजननी , रणचण्डी , रण में शत्रुनाशिनी माँ दुर्गे





जग के कण कण में महाशक्ति कीव्याप्त अमर तुम चिनगारी

ढ़१ड़ निस्चय की निर्भय प्रतिमा , जिससे डरते अत्याचारी

हे शक्ति स्वरूपा , विश्ववन्द्य , कालिका , मानिनि माँ दुर्गे



तुम परब्रम्ह की परम ज्योति , दुष्टो से जग की त्राता हो

पर भावुक भक्तो की कल्याणी परंवत्सला माता हो

निशिचर विदारिणी , जग विहारिणि , स्नेहदायिनी माँ दुर्गे .

2 टिप्‍पणियां:

Divya Narmada ने कहा…

माँ दुर्गे की भाव विभोर करनेवाली स्तुति. विदग्ध जी की विदग्धता को नत सिर वंदन.

Anamikaghatak ने कहा…

जागो दुर्गा दशप्रहरनधारिनी …अभया शक्ति फ़लप्रदाइनी जागो मा…………॥मा सब्के ह्रिदय मे बस्ती है………सुन्दर प्रस्तुति