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शनिवार, 18 मार्च 2023

होली २०२३

जोगी रा सा रा रा रा रा

चौपाई पर रीझकर, करे हाइकू ब्याह 

सत्रह इंची वर भरे, चौंसठ इंची आह 

जोगी रा सा रा रा रा रा

गीत फ़िदा हो ग़ज़ल पर, कर बैठा है प्यार  

रुबाई है नज़्म सँग, लिव इन में बेज़ार 

जवां कबीरा भा गया, हसीं फाग को आज 

राखी का धागा लिए, दौड़ी तज सब काज 

जोगी रा सा रा रा रा रा 

मिलन-विरह श्रृंगार का, देखा दारुण रंग

सर शहीद का ले प्रिया, खेल संयम जंग 

आँख से बहे पनाला आ 

बरगद बब्बा पर रही, नीम मुई रंग डाल 

 कहे ससुर देवर लगें, फागुन करे कमाल 

जोगी रा सा रा रा रा रा 

संसद में घुस गए हैं कैसे कैसे साँड़

निज दल को दल रहे हैं, तोड़ रहे हैं बाड़

जोगी रा सा रा रा रा रा

होते पाँव दिमाग के, जा संसद में बैठ

वेतन-भत्ते बढ़ाकर, क्यों न बनता पैठ

जोगी रा सा रा रा रा रा

दल खूँटा सांसद पड़ा, करे जुगाली मौन

खली-चुनी की फ़िक्र है, जनहित सोचे कौन

जोगी रा सा रा रा रा रा

बतकहाव कर रहे हैं, मंत्री जी बिन बात

हाँ में हाँ करते चतुर, बाकी खाते लात

जोगी रा सा रा रा रा रा

चखना काजू देखकर, चमक गए हैं गाल

अंगूरी ले नाचते, नेता करें धमाल

दोहे सलिला 

जोगी रा सा रा रा रा रा

सभी एक से एक हैं, अधिक धार्मिक नेक

राधा-कुर्सी अब्याही, चाह रहा हर एक

जोगी रा सा रा रा रा रा

सीता-निष्ठा को दिया, सबने जंगल भेज

शूर्पणखा सत्ता मिली, सजी तुरत ही सेज

जोगी रा सा रा रा रा रा

स्वार्थ सिद्ध जो कर सका, वही हुआ सिद्धार्थ

जन सेवार्थ न जी कभी, साध निजी सर्वार्थ

जोगी रा सा रा रा रा रा

विधा विधायक सीख लें, जुमलेबाजी ख़ास

काम नहीं वादा करो, खूब बँधाओ आस

जोगी रा सा रा रा रा रा

चट्टे-बट्टे एक ही, थैली के हैं आप

लोकनीति को भूलकर, बने देश को शाप

जोगी रा सा रा रा रा रा

 

 

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