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मंगलवार, 6 अक्तूबर 2020

शारद वंदना

शारद वंदना 
ममता बनर्जी "मंजरी" 
*
हंसवाहिनी शारदे, तुम्हें नमन शतबार।
विद्या के आलोक से,कर दो जग उजियार।।
विद्यादाता तू कहलाती।
अज्ञानी को पथ दिखलाती।।
तेरे दर पर जो भी आए।
वापस खाली हाथ न जाए।।
दासी तेरे द्वार की,करती विनती आज।
हे माते ममतामयी,रख लो मेरी लाज।।
शरण पड़े हम तेरे द्वारे।
झोली भर दो आज हमारे।।
कृपा करो अब मुझपर मैया।
पार लगा दो मेरी नैया।।
सुन लो माते प्रार्थना,सुन लो करुण पुकार।
रोती बिटिया मंजरी,करो आज उद्धार।।
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