मुक्तिका
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पहन जनेऊ, तिलक लगा ले।
मेहनत मत कर, गाल बजा ले।।
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किशन आप, हर भक्तन राधा
मान, रास मत चूक रचा ले।।
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घंटी-घंटा, झाँझ-मँजीरा
बज, कीर्तन जमकर गा ले।।
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भोग दिखाकर ठाकुर जी को
ठेंगा दिखा, आप ही खा ले।।
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हो न स्वर्गवासी लेकिन तू
भू पर 'सलिल' स्वर्ग-सुख पा ले।।
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२-५-२०१६
सी २५६ आवास विकास, हरदोई
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