धरोहर :
. स्व0 बलवीर सिंह 'रंग' परिचय -
गीतकार -............................. ....................स्व0 बलवीर सिंह 'रंग'
जीवनकाल - ............................. ........1911 - 1984
जन्म -स्थान --- .......... जिला -एटा (उ0प्र0 )
हमने जो भोगा सो गाया ।
अकथनीयता को दी वाणी
वाणी को भाषा कल्याणी
कलम कमण्डल लिये हाथ में
दर-दर अलख जगाया
हमने जो भोगा सो गाया ।
सहज भाव से किया खुलासा
आँखों देखा हुआ तमाशा
कौन करेगा लेखा-जोखा
क्या खोया, क्या पाया
हमने जो भोगा सो गाया ।
पीडाओं के परिचायक हैं
और भला हम किस लायक हैं
अन्तर्मठ की प्राचीरों में
अनहद नाद गुँजाया
हमने जो भोगा सो गाया ।
प्रस्तुतकर्ता- कमल
इस स्तम्भ में विश्व की किसी भी भाषा की श्रेष्ठ मूल रचना देवनागरी लिपि में, हिंदी अनुवाद, रचनाकार
का परिचय व चित्र, रचना की श्रेष्ठता का आधार जिस कारण पसंद है. संभव हो
तो रचनाकार की जन्म-निधन तिथियाँ व कृति सूची दीजिए. धरोहर में
आनंद लें स्व0 बलवीर सिंह 'रंग' की रचना
का।
. स्व0 बलवीर सिंह 'रंग' परिचय -
गीतकार -.............................
जीवनकाल - .............................
जन्म -स्थान --- .......... जिला -एटा (उ0प्र0 )
हमने जो भोगा सो गाया ।
अकथनीयता को दी वाणी
वाणी को भाषा कल्याणी
कलम कमण्डल लिये हाथ में
दर-दर अलख जगाया
हमने जो भोगा सो गाया ।
सहज भाव से किया खुलासा
आँखों देखा हुआ तमाशा
कौन करेगा लेखा-जोखा
क्या खोया, क्या पाया
हमने जो भोगा सो गाया ।
पीडाओं के परिचायक हैं
और भला हम किस लायक हैं
अन्तर्मठ की प्राचीरों में
अनहद नाद गुँजाया
हमने जो भोगा सो गाया ।
प्रस्तुतकर्ता- कमल
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