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बुधवार, 15 अप्रैल 2009

शे'र आचार्य संजीव 'सलिल'

शे'र

आचार्य संजीव 'सलिल'

दोस्त जब मेहरबां हुए हम पर।

दुश्मनों की न फिर ज़ुरूरत थी.

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