शेक्सपियर
शेक्सपियर को सॉनेट अंजलि,
हिंदी भाषा अर्पित करती,
स्वीकारे कवि यह प्रणतांजलि,
सॉनेट उर में हिंदी धरती।
याद त्रिलोचन की आती है,
सॉनेट लिख इतिहास रच दिया,
माटी की सुगंध भाती है,
सत्य समय का सहज कह दिया।
जीवित भारत की परिपाटी,
सॉनेट में हम रख जाएँगे,
लिट्टा-चोखा, भर्ता-बाटी,
खा बम्बुलिया मिल गाएँगे।
बने विश्ववाणी हिंदी तब।
हर भाषा को अपनाए जब।।
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मिल्टन
लेंटिनि ने अठ-छह पद जोड़ा,
प्रथम चौपदी तुक दोहराई,
सम-तुकांत दो त्रिपदी जोड़ा,
सॉनेट रचकर कीर्ति कमाई।
पेट्रार्च ऑक्टेव-सेस्टेट लेकर,
वोल्टा रखता नौवें पद में,
मिल्टन सॉनेट नैया खेकर,
आगे बढ़ता सबसे कद में।
सॉनेट नहीं 'कसीदा' किंचित,
मिलता साम्य 'ओड' से थोड़ा,
वर्ड्सवर्थ करता है विस्मित,
बारोक ओर हूफ़्ट ने मोड़ा।
हिंदी सॉनेट गढ़ परंपरा।
नूतनता दें परा व अपरा।।
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