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शुक्रवार, 13 मार्च 2020

क्षणिका - कोरोना

क्षणिका 
*
आमंत्रण है तुम्हें पधारो कोरोना 
थकते न मिटती रिश्वरखोरी 
सुना कर रहे तुम बरजोरी 
झटपट आओ, 
इसे मिटाओ 
सही न जाए कुछ कोरो ना 
*
संजीव 
१३.३.२०२० 
९४२५१८३२४४

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