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सोमवार, 30 मार्च 2020

हाइकु गीत, नोटा

मतदाता विवेकाधिकार मंच
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त्रिपदिक छंद हाइकु
विषय: पलाश
विधा: गीत
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लोकतंत्र का / निकट महापर्व / हावी है तंत्र
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मूक है लोक / मुखर राजनीति / यही है शोक
पूछे पलाश / जनता क्यों हताश / कहाँ आलोक?
सत्ता की चाह / पाले हरेक नेता / दलों का यंत्र
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योगी बेहाल / साइकिल है पंचर / हाथी बेकार
होता बबाल / बुझी है लालटेन / हँसिया फरार
रहता साथ / गरीबों के न हाथ / कैसा षड़्यंत्र?
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दलों को भूलो / अपराधी हराओ / न हो निराश
जनसेवी ही / जनप्रतिनिधि हो / छुए आकाश
ईमानदारी/ श्रम सफलता का / असली मंत्र
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संवस
७९९९५५९६१८

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