कार्यशाला:
दोहा में यमक और श्लेष
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नारी पाती दो जगत, जब हो कन्यादान
पाती है वरदान वह, भले न हो वर-दान
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दोहा में यमक और श्लेष
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नारी पाती दो जगत, जब हो कन्यादान
पाती है वरदान वह, भले न हो वर-दान
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दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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