संवाद और साहित्य सृजन दोनों में शब्दों के बिना कम नहीं चलता. शब्द भंडार जितना अधिक होगा भावों की अभिव्यक्ति उतनी शुद्ध, सहज, सरल, सरस और सटीक होगी. कुछ शब्दों के साथ अन्य शब्द जोड़कर नये शब्द बनते हैं. नये शब्द के जुड़ने से कभी तो नये शब्द का अर्थ बदलता है, कभी नहीं बदलता.
उदाहरण :
१. 'जय' के पहले 'परा' जुड़ जाए तो एक नया शब्द 'पराजय' बनता है जिसका अर्थ मूल शब्द 'जय' से विपरीत है.
२. 'भ्रमण' के पूर्व 'परि' जुड़ जाए तो नया शब्द 'परिभ्रमण' बना जिसका अर्थ मूल शब्द के समान 'घूमना' ही है.
उपसर्ग की विशेषताएँ-
२. उपसर्ग का प्रयोग स्वतंत्र रूप से नहीं किया जा सकता.
३. उपसर्ग का कोई स्वतंत्र अर्थ नहीं होता.
४. उपसर्ग जोड़ने से बना शब्द कभी-कभी मूल शब्द के अर्थ में कोई परिवर्तन नहीं करता, कभी-कभी अर्थ में नवीनता दिखती है, कभी-कभी अर्थ विपरीत हो जाता है.
कुछ प्रचलित उपसर्ग:
अ -
अकल, अकाल, अकाम, अकिंचित, अकुलीन, अकुशल, अकूत, अकृपण, अक्रिय, अखिल, अगम, अगाध, अगोचर, अघोर, अचर, अचार, अछूत, अजर, अजरा, अजन्मा, अजित, अजीत, अजिर, अडिग, अतिथि, अदृष्ट, अधिक, अन्याय, अनृत, अनाज, अनाथ, अनाम, अनार, अनिंद्य, अनीत, अनंत, अपकार, अपरा, अपार, अपूर्ण, अबूझ, अमर, अमूल, अमृत, अलोप, अलौकिक, अलौना, अवमानना, अवतार, अवसर, अवाम, अविराम, अविश्वास, अविस्मरणीय, असत, असर, असार, असीम, असुर.
अक -
अकसर, अकसीर।
अति = अधिक, ऊपर, उस पार
अत्यंत, अतिक्रमण, अतिकाल, अतिरिक्त, अतिरेक, अतिशय, अतिसार.
अधि = श्रेष्ठ, ऊपर, समीपता
अधिकार, अध्यात्म, अध्यक्ष, अधिपति, अधिरथ, अधिष्ठाता.
अनु - पश्चात्, समानता
अनुकरण, अनुक्रम, अनुनय, अनुचर, अनुभव, अनुमान, अनुरूप, अनुरोध, अनुपात, अनुलोम, अनुवाद, अनुशासन, अनुसार.
अप = लघुता, हीनता, अभाव
अपकार, अपमान, अपयश, अपरूपा, अपवाद, अपव्यय, अपशकुन, अपशब्द, अपहरण.
अभि - समीपता, और, इच्छा प्रगट करना
अभिचार, अभिजीत, अभिभावक, अभिमान, अभिलेश, अभिवादन, अभिशाप।
अव = हीनता, अनादर, पतन
अवगत, अवधारणा, अवनत, अवमानना, अवलोकन, अवतार, अवसान.
आ = सीमा, ओर ,समेत
आकाश, आचरण, आचार, आगमन, आजन्म, आजानु, आतप, आधार, आपात, आभार, आमरण, आमोद, आराम, आलोक, आवास.
अ -
अकल, अकाल, अकाम, अकिंचित, अकुलीन, अकुशल, अकूत, अकृपण, अक्रिय, अखिल, अगम, अगाध, अगोचर, अघोर, अचर, अचार, अछूत, अजर, अजरा, अजन्मा, अजित, अजीत, अजिर, अडिग, अतिथि, अदृष्ट, अधिक, अन्याय, अनृत, अनाज, अनाथ, अनाम, अनार, अनिंद्य, अनीत, अनंत, अपकार, अपरा, अपार, अपूर्ण, अबूझ, अमर, अमूल, अमृत, अलोप, अलौकिक, अलौना, अवमानना, अवतार, अवसर, अवाम, अविराम, अविश्वास, अविस्मरणीय, असत, असर, असार, असीम, असुर.
अक -
अकसर, अकसीर।
अति = अधिक, ऊपर, उस पार
अत्यंत, अतिक्रमण, अतिकाल, अतिरिक्त, अतिरेक, अतिशय, अतिसार.
अधि = श्रेष्ठ, ऊपर, समीपता
अधिकार, अध्यात्म, अध्यक्ष, अधिपति, अधिरथ, अधिष्ठाता.
अनु - पश्चात्, समानता
अनुकरण, अनुक्रम, अनुनय, अनुचर, अनुभव, अनुमान, अनुरूप, अनुरोध, अनुपात, अनुलोम, अनुवाद, अनुशासन, अनुसार.
अप = लघुता, हीनता, अभाव
अपकार, अपमान, अपयश, अपरूपा, अपवाद, अपव्यय, अपशकुन, अपशब्द, अपहरण.
अभि - समीपता, और, इच्छा प्रगट करना
अभिचार, अभिजीत, अभिभावक, अभिमान, अभिलेश, अभिवादन, अभिशाप।
अव = हीनता, अनादर, पतन
अवगत, अवधारणा, अवनत, अवमानना, अवलोकन, अवतार, अवसान.
आ = सीमा, ओर ,समेत
आकाश, आचरण, आचार, आगमन, आजन्म, आजानु, आतप, आधार, आपात, आभार, आमरण, आमोद, आराम, आलोक, आवास.
आविर + प्रगट, बाहर - आविर्भाव, आविष्कार 
इति = ऐसा - इतिहास, इतिवृत्त, इतिपूर्व उ
उचट, उचाट, उछल, उतार, उधर, उधार, उमर, उलार.
उप = निकटता, सदृश, गौड़
उपकार, उपचार, उपदेश, उपनयन, उपवन, उपवास, उत / उद = ऊपर, उत्कर्ष
उत्तम, उत्साह, उत्थान, उद्गम, उद्गार, उद्देश्य, उद्धार, उद्बोध,
चिर = बहुत - चिरकाल, चिरजीवी, चिरायु
दुर / दुस = बुरा, कठिन, दुष्ट
दुराचार, दुर्गम, दुर्जन, दुर्दशा, दुर्निवार, दुर्योधन, दुर्लभ, दुर्व्यवस्था, दु :शासन, दु :सह.
नि = भीतर, नीचे, अतिरिक्त - निवास, निदान, निरोग, निरोध, निमंत्रण, निषेध, निबन्ध, निवर्तमान, निरपेक्ष, नियोग, निषेध, निवारण, निवास, निकम्मा,
निर / निस = बाहर, निषेध, रहित
निरपराध, निरंकुश, निर्जन, निर्धन, निर्बोध, निर्बंध, निर्भय, निर्मम, निर्माण, निर्मोही, निर्लेप, निर्लोभ, निर्वसन, निर्वाचन, निर्वासन, निर्विकार, निर्विरोध, निवृत्त.
नि: / निष् = बिना, रहित
निष्कलंक, निष्काम, निष्प्राण, निष्पाप.
नि = भीतर, नीचे, अतिरिक्त
निचाट, निदान, निबंध, निभाव, नियोग, निरोध, निवार, निवारण, निवास.
परा = उल्टा, अनादर, नाश
पराक्रम, परागण, पराजय, पराभव,
बहिर = बाहर - बहिर्द्वार, बहिष्कार, बहिर्मुख
परि = आसपास, चारों ओर, अतिशय
परिक्रमा, परिचय, परिजन, परितोष, परिभ्रमण, परिवाद, परिवर्तन, पर्याप्त.
प्र = अधिक, आगे, ऊपर
प्रकाश, प्रखर, प्रचार, प्रताड़ना, प्रभार, प्रयास, प्रलय, प्रवर, प्रसन्न.
प्रति = विरोध, प्रत्येक, बराबरी
प्रत्यक्ष, प्रत्येक, प्रतिकूल, प्रतिक्षण, प्रतिनिधि, प्रतिरोध, प्रतिशोध.
बे = बेईमान, बेचारा, बेलगाम, बेदाम, बेलौस, बेबात, बेसहारा
प्र = प्रखर, प्रतुल, प्रस्तर, प्रपौत्र, प्रमाण, प्रचार, प्रसार, प्रमोद, प्रधान, प्रलाप,
प्रातस = सवेरे - प्रातःकाल, प्रातःस्मरण, प्रातःस्नान
अमा = पास - अमात्य, अमावस्या,
अलम = सुंदर - अलंकार, अलंकृत, अलंकरण
कु = बुरा - कुकर्म, कुरूप, कुविचार, कुअवसर,
तिरस् = तुच्छ - तिरस्कार, तिरोभाव,
न = अभाव - नक्षत्र, नपुंसक, नकारना, नटेरना
नाना = बहुत, विविध - नानारूप, नानाजाति, नाना प्रकार
पर = दूसरा - परदेसी, पराधीन, परोपकार, परलोक, परजात,
पुरा = पहले - पुरातत्व, पुरातन, पुरावृत्त,
स = सहित - सगोत्र, सजातीय, सजीव, सरस, सकल, सजन, सरल, सहज
प्रादुर = प्रकट - प्रादुर्भाव
प्राक = पहले का - प्राक्कथन, प्रादुर्भाव, प्राक्कर्म
पूर्व = पहले का - पूर्वार्ध, पूर्वपक्ष,
पुनर = पुनः, फिर, दोबारा - पुनर्जन्म, पुनरुक्त, पुनर्विवाह
इति = ऐसा - इतिहास, इतिवृत्त, इतिपूर्व उ
उचट, उचाट, उछल, उतार, उधर, उधार, उमर, उलार.
उप = निकटता, सदृश, गौड़
उपकार, उपचार, उपदेश, उपनयन, उपवन, उपवास, उत / उद = ऊपर, उत्कर्ष
उत्तम, उत्साह, उत्थान, उद्गम, उद्गार, उद्देश्य, उद्धार, उद्बोध,
चिर = बहुत - चिरकाल, चिरजीवी, चिरायु
दुर / दुस = बुरा, कठिन, दुष्ट
दुराचार, दुर्गम, दुर्जन, दुर्दशा, दुर्निवार, दुर्योधन, दुर्लभ, दुर्व्यवस्था, दु :शासन, दु :सह.
नि = भीतर, नीचे, अतिरिक्त - निवास, निदान, निरोग, निरोध, निमंत्रण, निषेध, निबन्ध, निवर्तमान, निरपेक्ष, नियोग, निषेध, निवारण, निवास, निकम्मा,
निर / निस = बाहर, निषेध, रहित
निरपराध, निरंकुश, निर्जन, निर्धन, निर्बोध, निर्बंध, निर्भय, निर्मम, निर्माण, निर्मोही, निर्लेप, निर्लोभ, निर्वसन, निर्वाचन, निर्वासन, निर्विकार, निर्विरोध, निवृत्त.
नि: / निष् = बिना, रहित
निष्कलंक, निष्काम, निष्प्राण, निष्पाप.
नि = भीतर, नीचे, अतिरिक्त
निचाट, निदान, निबंध, निभाव, नियोग, निरोध, निवार, निवारण, निवास.
परा = उल्टा, अनादर, नाश
पराक्रम, परागण, पराजय, पराभव,
बहिर = बाहर - बहिर्द्वार, बहिष्कार, बहिर्मुख
परि = आसपास, चारों ओर, अतिशय
परिक्रमा, परिचय, परिजन, परितोष, परिभ्रमण, परिवाद, परिवर्तन, पर्याप्त.
प्र = अधिक, आगे, ऊपर
प्रकाश, प्रखर, प्रचार, प्रताड़ना, प्रभार, प्रयास, प्रलय, प्रवर, प्रसन्न.
प्रति = विरोध, प्रत्येक, बराबरी
प्रत्यक्ष, प्रत्येक, प्रतिकूल, प्रतिक्षण, प्रतिनिधि, प्रतिरोध, प्रतिशोध.
बे = बेईमान, बेचारा, बेलगाम, बेदाम, बेलौस, बेबात, बेसहारा
प्र = प्रखर, प्रतुल, प्रस्तर, प्रपौत्र, प्रमाण, प्रचार, प्रसार, प्रमोद, प्रधान, प्रलाप,
प्रातस = सवेरे - प्रातःकाल, प्रातःस्मरण, प्रातःस्नान
अमा = पास - अमात्य, अमावस्या,
अलम = सुंदर - अलंकार, अलंकृत, अलंकरण
कु = बुरा - कुकर्म, कुरूप, कुविचार, कुअवसर,
तिरस् = तुच्छ - तिरस्कार, तिरोभाव,
न = अभाव - नक्षत्र, नपुंसक, नकारना, नटेरना
नाना = बहुत, विविध - नानारूप, नानाजाति, नाना प्रकार
पर = दूसरा - परदेसी, पराधीन, परोपकार, परलोक, परजात,
पुरा = पहले - पुरातत्व, पुरातन, पुरावृत्त,
स = सहित - सगोत्र, सजातीय, सजीव, सरस, सकल, सजन, सरल, सहज
प्रादुर = प्रकट - प्रादुर्भाव
प्राक = पहले का - प्राक्कथन, प्रादुर्भाव, प्राक्कर्म
पूर्व = पहले का - पूर्वार्ध, पूर्वपक्ष,
पुनर = पुनः, फिर, दोबारा - पुनर्जन्म, पुनरुक्त, पुनर्विवाह
स / सु / सं= सुखी, अच्छा, श्रेष्ठ सकल, सगर, सचल, सजल, सप्रेम, समर, सरस, सहर, सुकर्म, सुगम, सुघड़, सुचारू, सुजय, सुडौल, सुदीप, सुधर, सुधार, सुधीर, सुनीति, सुप्रीत, सुफल, सुभीता, सुमन, सुयश, सुलभ, संकट, संकल्प, संकुल, संगम, संगति, संग्रह, संग्राम, संचयन, संचार, सन्तान, संतोष, संभार, संयम, सन्यास, संलाप, संवाद, संरक्षण, संशय, सम्मान, सम्मुख, सम्मोहन.
स्वयं = अपने आप - स्वयंभू, स्वयंवर, स्वयंसिद्ध, स्वयंसेवक
सह = साथ - सहकारी, सहगमन, सहचर, सहज, सहोदर, सहानुभूति, सहभागी
स्व = अपना, निजी - स्वतंत्र, स्वदेश, स्वभाषा, स्वभाव, स्वराज्य, स्वलोक, स्वजाति, स्वधर्म, स्वकर्म
सत = अच्छा - सदाचार, सज्जन, सत्कर्म, सत्पात्र, सद्गुरु, सत्परामर्श, सत्कार, सद्धर्म, सत्लोक
सह = साथ - सहकारी, सहगमन, सहचर, सहज, सहोदर, सहानुभूति, सहभागी
स्व = अपना, निजी - स्वतंत्र, स्वदेश, स्वभाषा, स्वभाव, स्वराज्य, स्वलोक, स्वजाति, स्वधर्म, स्वकर्म
सत = अच्छा - सदाचार, सज्जन, सत्कर्म, सत्पात्र, सद्गुरु, सत्परामर्श, सत्कार, सद्धर्म, सत्लोक
2 टिप्पणियां:
आदरणीय संजीव जी,
आपकी और दीप्ति जी की (आपके लेख के नीचे) उपसर्ग के बारे में सामग्री बड़ी ही ज्ञानवर्धक है.
किन्तु आपके उपसर्गों के उदाहरण कुछ त्रुटिपूर्ण लगे . उन्हें मैंने रक्त रंजित कर दिया है . कृपया उनके बारे में मेरी भ्रान्ति दूर करें .
सादर,
कनु
deepti gupta ✆
संजीव जी ,
विनम्र निवेदन है कि आपने स्वरों के साथ अं अ: भी लिख दिए है जो व्यंजनों के साथ ठीक हैं ! अपने व्यंजनों के साथ ठीक लिखा है ! इसलिए स्वरों में से इन दो वर्णों को निकाल दीजिए ! हिन्दी के माने हुए वैयाकरणों ने कुल १२ ही स्वर माने हैं !
सादर,
दीप्ति
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