
Solvey Conference 1927
दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों का साल्वे में सम्मिलन १९२७
सारी दुनिया से आये, सारी दुनिया पे छाये, बैठे एक साथ मिल, न कहो अनेक हैं.
मानव की सेवा करें, पर नहीं मेवा वरें, ऐसा कुछ देवा करें, इरादे तो नेक हैं..
पीर को मिटा सकें, धीर को जिता सकें, साथ-साथ हाथ लिये, चेतनविवेक हैं.
पूत विज्ञान के हैं, दूत अरमान के हैं, शांति अभियान पे हैं, इंसान एक हैं.
Acharya Sanjiv verma 'Salil'
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2 टिप्पणियां:
sn Sharma ✆ द्वारा yahoogroups.com
kavyadhara
आ० आचार्य जी ,
वैज्ञानिक सम्मेलन १९२७ पर आपका कवित्त सचमुच बड़ी प्रेरक रचना है
सम्मेलन तो अब भी कितने ही हो रहें हैं पर काश कि वे निस्वार्थ मानव-सेवा
को समर्पित हों | इक्कीसवीं सदी तो स्वार्थ और भ्रष्टाचार को समर्पित सदी है |
सादर
कमल
deepti gupta ✆ द्वारा yahoogroups.com
kavyadhara
कमाल कर दिया संजीव जी!=D> applause =D> applause =D> applause =D> applause =D> applause
आपके परिश्रम को नमन !
सादर,
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