विचित्र किन्तु सत्य :
चमक उठता है महिला का चेहरा पुरुष से मिलने पर
पुरुषों की संगत में महिलाओं के चेहरे का तापमान अपने आप बढ़ता है
कैसे किया शोध ?
शोध करने वाली टीम का कहना है कि इन परिणामों को थर्मल इमेजिंग के विकास में इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे भविष्य में तनाव इत्यादी पर नजर रखी जा सकती है, जैसे कि झूठ पकड़ने वाले यानी लाई डिटेक्टर टेस्ट में.
इस अध्ययन की मुख्य लेखक अमांदा हाहन ने कहा कि शोधकर्ताओं ने पुरुषों
से महिलाओं की मुलाकात के दौरान उनके हाथ, बाजू, छाती और चेहरे की त्वचा के
तापमान को नापा. उन्होंने कहा, ''उत्तेजना में बिना किसी प्रयोगात्मक बदलाव के ही, यह
बदलाव साधारण सामाजिक मुलाकात में देखा गया. हमारे सहभागियों ने मुलाकात के
दौरान किसी शर्मिंदगी या असुविधा का अहसास नहीं किया.''
इस महीने 'बायेलॉजी लेटर्स' में छपने वाले इस अध्ययन में दिखाया गया है कि यह प्रतिक्रिया केवल महिलाओं में ही पाई जाती है. लेकिन दूसरी महिलाओं से मुलाकात के दौरान किसी महिला के चेहरे के तापमान में कोई बदलाव नहीं देखा जाता.
शोध करने वाली टीम का अगला लक्ष्य यह देखना होगा कि क्या इन शारीरिक बदलावों का सामाजिक मुलाकातों पर असर होता है.
शोध करने वाली टीम का कहना है कि इन परिणामों को थर्मल इमेजिंग के विकास में इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे भविष्य में तनाव इत्यादी पर नजर रखी जा सकती है, जैसे कि झूठ पकड़ने वाले यानी लाई डिटेक्टर टेस्ट में.
अध्ययन की मुख्य लेखक अमांदा हाहन
"उत्तेजना में किसी प्रयोगात्मक बदलाव के बिना ही, यह बदलाव साधारण सामाजिक मुलाकातों में देखा जाता है. हमारे सहभागियों ने मुलाकात के दौरान किसी शर्मिंदगी या असुविधा का अहसास नहीं किया."
इस महीने 'बायेलॉजी लेटर्स' में छपने वाले इस अध्ययन में दिखाया गया है कि यह प्रतिक्रिया केवल महिलाओं में ही पाई जाती है. लेकिन दूसरी महिलाओं से मुलाकात के दौरान किसी महिला के चेहरे के तापमान में कोई बदलाव नहीं देखा जाता.
शोध करने वाली टीम का अगला लक्ष्य यह देखना होगा कि क्या इन शारीरिक बदलावों का सामाजिक मुलाकातों पर असर होता है.
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1 टिप्पणी:
sn Sharma ✆ ahutee@gmail.com द्वारा yahoogroups.com vicharvimarsh
आ० आचार्य जी,
तुलसी दास ने भी कहा था " नारि न मोहै नारि के रूपा "| मेरा मानना है कि
पुरुष में भी किसी निकट संबंधों (माँ,बहिन बेटी आदि ) से इतर अन्य महिला से
मिलने पर लगभग वैसी ही प्रतिक्रिया होती है | विधाता ने स्त्री और पुरुष की रचना
ही ऐसे गुणों के साथ की कि वे एक दूसरे को आकर्षित कर सकें | पुरुष से पुरुष की
मुलाक़ात में भी परस्पर तापमान या उत्तेजना की वृद्धि नहीं होती | यह प्रतिक्रिया
केवल दो विपरीत सेक्स के आमने सामने संपर्क में आने पर या बिना आमने सामने
हुए भी भावनात्मक संपर्क पर उत्पन्न होती है | और यह एक चिरंतन सत्य है भले
विज्ञान उसे यंत्रों की सहायता से अब प्रमाणित करे |
सादर,
कमल
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