मुक्तिका
गैट वैल सून
*
गैट वैल सून
दे दुश्मन को भून
नेता करते रोज
लोकतंत्र का खून
कुछ तो हालत बदल
कुतर नहीं नाखून
खा मेहनत के बाद
हँस रोटी दो जून
कोशिश बिना सलिल
मिलता नहीं सुकून
बन मत अफलातून
गैट वैल सून
***
७.२.१९१०
गैट वैल सून
*
गैट वैल सून
दे दुश्मन को भून
नेता करते रोज
लोकतंत्र का खून
कुछ तो हालत बदल
कुतर नहीं नाखून
खा मेहनत के बाद
हँस रोटी दो जून
कोशिश बिना सलिल
मिलता नहीं सुकून
बन मत अफलातून
गैट वैल सून
***
७.२.१९१०
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