द्विपदियाँ (अश'आर)
*
उगते सूरज को करे, दुनिया सदा प्रणाम
तपते से बच,डूबते देख न लेती नाम
*
औरों के ऐब देखना, आसान है बहुत
तू एक निगाह, अपने आप पे भी डाल ले
*
आगाज़ के पहले जरा अंजाम सोच ले
शुरुआत किसी काम की कर, बाद में 'सलिल'
*
उगते सूरज को करे, दुनिया सदा प्रणाम
तपते से बच,डूबते देख न लेती नाम
*
३-२-२०१६
अमरकंटक एक्सप्रेस बी २ /३५
बिलासपुर-भाटापारा
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उगते सूरज को करे, दुनिया सदा प्रणाम
तपते से बच,डूबते देख न लेती नाम
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औरों के ऐब देखना, आसान है बहुत
तू एक निगाह, अपने आप पे भी डाल ले
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आगाज़ के पहले जरा अंजाम सोच ले
शुरुआत किसी काम की कर, बाद में 'सलिल'
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उगते सूरज को करे, दुनिया सदा प्रणाम
तपते से बच,डूबते देख न लेती नाम
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३-२-२०१६
अमरकंटक एक्सप्रेस बी २ /३५
बिलासपुर-भाटापारा
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