लघुकथा -
वेदना का मूल
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तुम्हारे सबसे अधिक अंक आये हैं, तुम पीछे क्यों बैठी हो?, सबसे आगे बैठो।
जो पढ़ने में कमजोर है या जिसका मन नहीं लगता पीछे बैठाया जाए तो वह और कम ध्यान देगा, अधिक कमजोर हो जाएगा। कमजोर और अच्छे विद्यार्थी घुल-मिलकर बैठें तो कमजोर विद्यार्थी सुधार कर सकेगा।
तुम्हें ऐसा क्यों लगता है?
इसलिए कि हमारा संविधान सबके साथ समता और समानता व्यवहार करने की प्रेरणा किन्तु हम जाति, धर्म, धन, ताकत, संख्या, शिक्षा, पद, रंग, रूप, बुद्धि किसी न किसी आधार पर विभाजन करते हैं। जो पीछे कर दिया जाता है उसके मन में द्वेष पैदा होता है। यही है सारी वेदना का मूल।
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