बाल गीत:
आओ नाचो...
संजीव 'सलिल'
*
आओ नाचो हिलमिलकर.
जीवन जीना खिलखिलकर..
*
झरने की मानिंद बहो.
पर्वत से भी कलकलकर..
*
कोशिश के आकाश में
तारा बनना झिलमिलकर..
*
जाग जगाओ औरों को
रचो नया नित हलचलकर..
*
पग मंजिल छू पाते हैं
राहों पर चल छिलछिलकर..
*
अवसर चूक नहीं जाना
मत पछता कर मलमलकर..
*
पल से बाधा हटे नहीं
'सलिल' हटा दे तिल-तिलकर..
*
Acharya Sanjiv verma 'Salil'
http://divyanarmada.blogspot.com
http://hindihindi.in
आओ नाचो...
संजीव 'सलिल'
*
आओ नाचो हिलमिलकर.
जीवन जीना खिलखिलकर..
*
झरने की मानिंद बहो.
पर्वत से भी कलकलकर..
*
कोशिश के आकाश में
तारा बनना झिलमिलकर..
*
जाग जगाओ औरों को
रचो नया नित हलचलकर..
*
पग मंजिल छू पाते हैं
राहों पर चल छिलछिलकर..
*
अवसर चूक नहीं जाना
मत पछता कर मलमलकर..
*
पल से बाधा हटे नहीं
'सलिल' हटा दे तिल-तिलकर..
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Acharya Sanjiv verma 'Salil'
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1 टिप्पणी:
- prans69@gmail.com
बाल गीत की छटा निराली है . ये गीत बाल - गोपालों तक पहुँचने चाहिए
- प्राण शर्मा
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