मेरी मैया!, मेरी माता!!
*
किसने मुझको जन्म दिया है?
प्राणों से बढ़ प्यार किया है.
किसकी आँखों का मैं तारा?
किसने पल-पल मुझे जिया है?
मेरी मैया!, मेरी माता!!
*
किसने बरसों दूध पिलाया?
निर्बल से बलवान बनाया.
खुद का वत्स रखा भूखा पर-
मुझको भूखा नहीं सुलाया.
वह गौ माता!, मेरी माता!!
*
किसकी गोदी में मैं खेला?
किसने मेरा सब दुःख झेला?
गिरा-उठाया, लाड़ लड़ाया.
हाथ पकड़ चलना सिखलाया.
भारत माता!, मेरी माता!!
*
किसने मुझको बोल दिये हैं?
जीवन के पट खोल दिये हैं.
किसके बिन मैं रहता गूंगा?
शब्द मुझे अनमोल दिये हैं.
हिंदी माता!, मेरी माता!!
*
दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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मंगलवार, 6 अप्रैल 2010
बाल कविता: मेरी माता! संजीव 'सलिल'
चिप्पियाँ Labels:
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करें वंदना-प्रार्थना, भजन-कीर्तन नित्य.
सफल साधना हो 'सलिल', रीझे ईश अनित्य..
शांति-राज सुख-चैन हो, हों कृपालु जगदीश.
सत्य सहाय सदा रहे, अंतर्मन पृथ्वीश..
गुप्त चित्र निर्मल रहे, ऐसे ही हों कर्म.
ज्यों की त्यों चादर रखे,निभा'सलिल'निज धर्म.
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3 टिप्पणियां:
बहुत-बहुत अच्छी कविता और सुन्दर चित्र....."
किसने मुझको बोल दिये हैं?
जीवन के पट खोल दिये हैं.
किसके बिन मैं रहता गूंगा?
शब्द मुझे अनमोल दिये हैं.
bilkul sahi
ek lakh takeki bat kahi aap ne
shekhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/
बहुत ही भावपूर्ण कविता , आचार्य जी की कलम को नमन.....सीमा सचदेव द्वारा नन्हा मन
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