चर्चाकार : संजय भास्कर-संजीव 'सलिल'
Sanjay: ram ram ji
5:52 PM बजे बुधवार को प्रेषित
Sanjay: NAMASKAR JI
मैं: nmn nayee rachnayen dekheen kya?
Sanjay: RAAT KO FURSAT SE DEKHUNGA....... .......
AAP YE DEKHEN CHOTI SI RACHNAAA
6:22 PM बजे बुधवार को प्रेषित
मैं: हद सर करती है हमें
हद को कैसे सर करें
कोई यह बतलाये?
Acharya Sanjiv Salil
http://divyanar mada.blogspot.c om
हद को कैसे सर करें
कोई यह बतलाये?
Acharya Sanjiv Salil
http://divyanar
6:26 PM बजे बुधवार को प्रेषित
मैं: रमे रमा में सब मिले, राम न चाहे कोई
'सलिल' राम की चाह में काम बिसर गयो मोई

'सलिल' राम की चाह में काम बिसर गयो मोई
Sanjay: ARE WAHHHHHHHH
6:29 PM बजे बुधवार को प्रेषित


मैं: राम नाम की चाह में, चाह राम की नांय.
काम राम की आड़ में, संतों को भटकाय..
काम राम की आड़ में, संतों को भटकाय..
Sanjay: AAP TO GURU HO
6:33 PM बजे बुधवार को प्रेषित


मैं: है सराह में, वाह में, आह छिपी- यह देख.
चाह कहाँ कितनी रही, करले इसका लेख..
चाह कहाँ कितनी रही, करले इसका लेख..
6:36 PM बजे बुधवार को प्रेषित
Sanjay: nice


मैं: गुरु कहना तो ठीक है, कहें न गुरु घंटाल.
वरना भास्कर 'सलिल' में, डूब दिखेगा लाल..
वरना भास्कर 'सलिल' में, डूब दिखेगा लाल..
Sanjay: KYA BAAT HAI LAJWAAB
6:39 PM बजे बुधवार को प्रेषित


मैं: डूबेगा तो उगेगा, भास्कर ले नव भोर.
पंछी कलरव करेंगे, मनुज करेंगे शोर..


मैं: लाजवाब में भी मिला, मुझको छिपा जवाब.
जैसे काँटे छिपाए, सुन्दर लगे गुलाब..
जैसे काँटे छिपाए, सुन्दर लगे गुलाब..
Sanjay: BHASKAR TO DOBEGA ही
पंछी कलरव करेंगे, मनुज करेंगे शोर..
Sanjay: EK SE BADH KAR EK
6:41 PM बजे बुधवार को प्रेषित
मैं: एक-एक से बढ़ चलें, पग लें मंजिल जीत.
बाधा माने हार जग, गाये जय के गीत..


बाधा माने हार जग, गाये जय के गीत..
Sanjay: ......... बेहतरीन प्रस्तुति ।
मैं: कौन कहाँ प्रस्तुत हुआ?, और अप्रस्तुत कौन?
जब भी पूछा प्रश्न यह, उत्तर पाया मौन..
जब भी पूछा प्रश्न यह, उत्तर पाया मौन..
6:46 PM बजे बुधवार को प्रेषित
*******************************
*******************************
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें