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रविवार, 21 मई 2023

गीत

गीत 

सफर अधूरा लगता है 

*

मीत-प्रीत बिन गीत का सफर अधूरा लगता है 

*

चरण करें अभिषेक पंथ का 

नयन करें नित संग ग्रंथ का 

चल गिर उठ बढ़ बिना रुके तू 

बिना रुके तू, बिना झुके तू 

मोह-छोह बिन रीत का सफर अधूरा लगता है 

मीत-प्रीत बिन गीत का सफर अधूरा लगता है 

*

मन में मनबसिया बैठा है 

चाहे-अनचाहे पैठा है 

राधा कैसे कहो निकाले  

जब राधा को वही सम्हाले 

हार मिले बिन जीत का  सफर अधूरा लगता है 

मीत-प्रीत बिन गीत का सफर अधूरा लगता है 

*

मनमानी कर मन की बातें 

मुई सियासत करती घातें 

बिना सिया-सत राम नाम ले 

भक्ति भूल आसक्ति थाम ले 

बिना राग संगीत का सफर अधूरा लगता है 

मीत-प्रीत बिन गीत का सफर अधूरा लगता है 

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