प्रश्नोत्तर
प्रश्न -
आत्म विश्वास की कमी को कैसे दूर करें?
उत्तर -
दर्पण सम्मुख बैठकर, मिला नैन से नैन।
कहें आप से आप ही, मन मत हो बेचैन।।
किस्मत मेरे हाथ में, बनकर रहे लकीर।
अंकित भाग्य कपाल पर, हूँ सच बहुत अमीर।।
धरती माँ की गोद है, गगन पिता की छाँव।
स्नेहपूर्ण संबंध ही, है मेरा घर-गाँव।।
अपने मन का ब्रह्म मैं, विष्णु देह का सत्य।
तजता शिव बन असत को, मेरी आत्म अनित्य।।
जो वह वह मैं है नहीं, मुझमें प्रभु में भेद।
मुझसे मिलने अवतरे, वह भी करे न खेद।।
अधिक राम से भी रहे सिर्फ राम का दास।
मैं भी हूँ प्रभु से अधिक, मेरा बल विश्वास।।
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