कुल पेज दृश्य

रविवार, 4 जुलाई 2021

प्रेरणास्रोत सलिल जी सुजीत जी महाराज

नए लेखकों तथा कवियों के लिए प्रेरणास्रोत सलिल जी
सुजीत जी महाराज
*
संजीव वर्मा सलिल जी की रचनाएं नए लेखकों तथा कवियों के लिए प्रेरणास्रोत रही हैं।आज काव्य से छन्द लुप्त होते जा रहे हैं।सलिल जी ने इस दिशा में बहुत बड़ा कार्य किया है।यह बात महत्वपूर्ण नहीं है कि आप किसी विषय के बड़े विद्वान हैं ,महत्वपूर्ण तो यह है कि आपके विद्वता रूपी गंगा का जलपान किसने किसने किया।आपने किसी को कुछ सिखाया या नहीं।मैं तो मैथ्स व विज्ञान के साथ ज्योतिष तथा आध्यात्म के फील्ड में कार्य करता हूं।मेरा ये सदैव प्रयास रहता है कि मैं अपने पीछे एक बड़ी संख्या में शिष्यों को अपना सर्वस्व ज्ञान दे सकूं।अभी कुछ महीने पूर्व मैं काठमांडू में था वहां एक छात्र ने सलिल जी की रचना संसार का जिक्र किया।उसने कहा मैं उनके फेसबुक वाल से ही बहुत कुछ का कविताओं की बारीकियां सीख लेता हूं।व्यंग्य,गीत,दोहा,सोरठा,आलोचना सभी विधाओं पर इनकी पकड़ इतनी जबरजस्त है कि सलिल सर अपने आप में एक चलते फिरते हिंदी के विश्वविद्यालय हैं।आप जो समय समय पर विभिन्न जानकारियां प्रदान करते हैं वह इतनी लाभप्रद होती हैं कि उसका महत्व कोई हिंदी सीखने वाला ही बता सकता है।
आपका रचना संसार बहुत वृहद है।अनुकरणीय है।संग्रहणीय है।आप इंजीनियर रहे हैं।विज्ञान क्रमबद्ध ज्ञान की बात करता है।अनुशासन की बात करता है।धर्म के नियम भी अनुशासित हैं।कर्म के प्रति समर्पण तथा ईश्वर की शरणागति ही गीता का मूल उपदेश है।ऐसे महान साहित्यकार व संत हृदय कवि के 108 वर्ष के आयु की श्री कृष्ण से प्रार्थना करता हूं।
सुजीत जी महाराज

कोई टिप्पणी नहीं: