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शनिवार, 13 अप्रैल 2019

कुण्डलिया शशि पुरवार-संजीव वर्मा

एक कुंडली- दो रचनाकार 
दोहा: शशि पुरवार 
रोला: संजीव 
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सड़कों के दोनों तरफ, गंधों भरा चिराग 
गुलमोहर की छाँव में, फूल रहा अनुराग
फूल रहा अनुराग, लीन घनश्याम-राधिका
दग्ध कंस-उर, हँसें रश्मि-रवि श्वास साधिका
नेह नर्मदा प्रवह, छंद गाती मधुपों के
गंधों भरे चिराग, प्रज्वलित हैं सड़कों के
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