चर्चा: आमने-सामने
एक महत्वपूर्ण सारस्वत अनुष्ठान. हिंदी-सिन्धी समन्वय सेतु, देवी नागरानी जी द्वारा संकलित, अनुवादित, संपादित ५५ हिंदी कवियों की रचनाएँ सिन्धी अनुवाद सहित एक संकलन में पढ़ना अपने आपमें अनूठा अनुभव. काश इसमें सिंधी वर्णमाला, वाक्य रचना और अन्य कुछ नियन परिशिष्ट के रूप में होता तो मैं सिंधी सीखकर उसमें कुछ लिखने का प्रयास करता.
देवी नागरानी जो और सभी सहभागियों को बधाई. मेरा सौभाग्य कि इसमें मेरी रचना भी है.अन्य भाषाओँ के रचनाकार भी ऐसा प्रयास करें.
अंग्रेजी, मलयालम और पंजाबी के बाद अब सिन्धी में भी रचना अनुदित हुई.
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१. शब्द सिपाही................. १. लफ्ज़न जो सिपाही
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मैं हूँ अदना....................... माँ आहियाँ अदनो
शब्द सिपाही......................लफ्ज़न जो सिपाही.
अर्थ सहित दें......................अर्थ साणु डियन
शब्द गवाही.......................लफ्ज़ गवाही.
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२. सियासत.......................२. सियासत
तुम्हारा हर........................तुंहिंजो हर हिकु सचु
सच गलत है...................... गलत आहे.
हमारा हर......................... मुंहिंजो
सच गलत है.......................हर हिकु सचु गलत आहे
यही है...............................इहाई आहे
अब की सियासत.................अजु जी सियासत
दोस्त ही............................दोस्त ई
करते अदावत.....................कन दुश्मनी
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[आमने-सामने, हिंदी-सिन्धी काव्य संग्रह, संपादन व अनुवाद देवी नागरानी
शिलालेख, ४/३२ सुभाष गली, विश्वास नगर, शाहदरा दिल्ली ११००३२. पृष्ठ १२६, २५०/-]
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