द्विपदी
*
सबको एक नजर से कैसे देखूँ ?
आँखें भगवान् ने दो-दो दी हैं
*
उनको एक नजर से ज्योंही देखा
आँख मारी? कहा और पीट दिया
*
दोहा
अपनी छवि पर मुग्ध हो, सैल्फी लेते लोग
लगा दिया चलभाष ने, आत्म मोह का रोग
*
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सबको एक नजर से कैसे देखूँ ?
आँखें भगवान् ने दो-दो दी हैं
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उनको एक नजर से ज्योंही देखा
आँख मारी? कहा और पीट दिया
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दोहा
अपनी छवि पर मुग्ध हो, सैल्फी लेते लोग
लगा दिया चलभाष ने, आत्म मोह का रोग
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