हाइकु:
ममता शर्मा
*
ममता शर्मा
*
मस्त पवन
मिल खिल भागी तो
भीगी सबके रंग
*
बादल झुका
बातों ही बात बोला
आना मेरे घर भी
*
चांदनी खिली
श्वेत पटल दिखा
चित्र उकेर सखि
*
सूखी नदिया
चित्र बने हर सूँ
दुखी चितेरा
*
घूमता घन
क्यों चित्र मिटाता
हवा रंगीली
*
सूरज उगता है
मलती धरती आँखें लाल
चन्दा तुम यहाँ
*
गिरते पीले पात
मौन की भाषा सुन
नीरव नीड सुनाता
*
बादल झुका
बातों ही बात बोला
आना मेरे घर भी
*
गागर भरी
प्रतिबिम्ब दिखा ज्यूं
लगी आग चन्दा से
*
बटोही सुन
भेज बादल यहाँ
नाव चले इत भी
*
दावानल से
आशियाने बिखरे
बरसा बादल तब
*
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