सामयिक रचना:
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लिख गयी प्रतिकार की अद्भुत कहानी :
संजीव 'सलिल'
*
दिल्ली की बलात्कार पीड़िता ज्योति सिंह पाण्डे (ब्राह्मण) बलिया, उत्तर प्रदेश
संजीव 'सलिल'
*
(कल्पित नाम दामिनी)
*
हम नया वर्ष जरूर मनाएंगे
दामिनी के आंसुओं,
चीखों और कराहों को
चीखों और कराहों को
याद करने के लिए
और यह संकल्प करने के लिए
कि हम अपनी ज़िंदगी में
अपने बच्चों को ऐसे संस्कार देंगे
कि वह नारी को सिर्फ भोग्या न माने।
हम अपने शहर के हर थाने में
नारी का सम्मान करने और
तत्काल ऍफ़. आई. आर.दर्ज करने
सम्बन्धी पोस्टर चिपकाएँ।
सरकार से मांग करें कि
पुलिस विभाग को
अपराध-संख्या बढ़ने पर
दण्डित न किया जाए क्योंकि
संख्या घटाने के लिए ही
अपराध दर्ज नहीं किये जाते।
अपराध की त्वरित जांच और
अपराधी को दंड दिलाने की
की संख्या के आधार पर
अपराध की त्वरित जांच और
अपराधी को दंड दिलाने की
की संख्या के आधार पर
पुलिस महकमे में पदोन्नति दी जाए।
दूर दर्शन, अख़बारों और विज्ञापनों में
नारी देह की प्रदर्शनी और
सौदेबाजी बंद की जाए।
हम एक दिन ही नहीं हर दिन
नारी देह की प्रदर्शनी और
सौदेबाजी बंद की जाए।
हम एक दिन ही नहीं हर दिन
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3 टिप्पणियां:
deepti gupta
धन्यवाद संजीव जी!बहुत-बहुत धन्यवाद इस महत्वपूर्ण जानकारी के लिए!
सादर,
दीप्ति
dhanyavad.
Please remove the fake photo
This is a picture of a girl from Kerala, India. This girl is not the Delhi rape victim. By spreading this picture you are putting an innocent girl's life in danger. Please delete this picture from your site.
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