कसौटी 
मुसकराने की कोई ,
वजह नहीं होती 
वह तो कलियों के ,
खिलने की तरह होती है 
सपनों की कोई तरंग ,
नहीं  होती
वह तो मात्र मन को,
छलावा देती है 
सागर की गहराई में जाना ,
मात्र उक्ति नहीं होती
वह तो प्रेम की अथाह
शक्ति होती है 
दुनिया माने न माने ,
प्रेम की कोई
कसौटी नहीं होती है 
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1 टिप्पणी:
BHAVABHIVYAKTI ATI SUNDER AUR
PRABHAAVEE HAI.
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