नवगीत :
![](https://fbcdn-sphotos-g-a.akamaihd.net/hphotos-ak-xaf1/v/t1.0-9/10153861_902868986398553_6880206986592990476_n.jpg?oh=14630157e5f98af7522b2bab16677284&oe=54D66E26&__gda__=1423535255_987ff1194447f93370dccd8d3450f295)
नीले-नीले कैनवास पर
बादल-कलम पकड़ कर कोई
आकृति अगिन बना देता है
मोह रही मन द्युति की चमकन
डरा रहा मेघों का गर्जन
सांय-सांय-सन पवन प्रवाहित
जल बूँदों का मोहक नर्तन
लहर-लहर लहराता कोई
धूसर-धूसर कैनवास पर
प्रवहित भँवर बना देता है
अमल विमल निर्मल तुहिना कण
हरित-भरित नन्हे दूर्वा तृण
खिल-खिल हँसते सुमन सुवासित
मधुकर का मादक प्रिय गुंजन
अनहद नाद सुनाता कोई
ढाई आखर कैनवास पर
मन्नत कफ़न बना देता है
***
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नीले-नीले कैनवास पर
बादल-कलम पकड़ कर कोई
आकृति अगिन बना देता है
मोह रही मन द्युति की चमकन
डरा रहा मेघों का गर्जन
सांय-सांय-सन पवन प्रवाहित
जल बूँदों का मोहक नर्तन
लहर-लहर लहराता कोई
धूसर-धूसर कैनवास पर
प्रवहित भँवर बना देता है
अमल विमल निर्मल तुहिना कण
हरित-भरित नन्हे दूर्वा तृण
खिल-खिल हँसते सुमन सुवासित
मधुकर का मादक प्रिय गुंजन
अनहद नाद सुनाता कोई
ढाई आखर कैनवास पर
मन्नत कफ़न बना देता है
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