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शुक्रवार, 7 नवंबर 2014

doha:

दोहा सलिला:

चीज न कोई भी दिखी, सबमें थे भगवान
चीज हुए भगवान भी, हाय - हाय इंसान

रीति - नीति से कब बना, यह आदम इंसान
प्रीति पालकर हो सका, हर मानव रस-खान

परमपिता के निकट ही, मिले पिता को ठौर
पुत्र बिसूरे पर नहीं, जाकर पूजे और
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