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शनिवार, 19 फ़रवरी 2011

मुक्तिका: जिसे मैं भाया ----- संजीव 'सलिल'

मुक्तिका

संजीव 'सलिल'
*
जिसे मैं भाया, मुझे वो भायेगी.
श्वास के संग आस नगमे गायेगी..

जिंदगी औ' बंदगी की फिक्र क्या.
गयी भी तो लौट कर फिर आयेगी..

कौन मुझको जानता संसार में.
लेखनी पहचान बन रह जायेगी..

प्रीत की, मनमीत की बातें अजब.
याद कर गालों पे लाली छायेगी..

कौन है जो 'सलिल' बिन रह ना सके?
सिर्फ यह परछाईं ना रह पायेगी..
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