मुक्तक
पल-पल नया जन्म होता है, क्षण-क्षण करे मृत्यु आलिंगन
सीधी रेखा में पग रखकर, बढ़ें सदा यह सलिल अकिंचन
दें आशीष फेस जब भी यम बुक में दर्ज करें हो उज्जवल
सलिल सींच कुछ पौधे कर दे तनिक सुवासित कविता उपवन
१९-८-२०१४
पल-पल नया जन्म होता है, क्षण-क्षण करे मृत्यु आलिंगन
सीधी रेखा में पग रखकर, बढ़ें सदा यह सलिल अकिंचन
दें आशीष फेस जब भी यम बुक में दर्ज करें हो उज्जवल
सलिल सींच कुछ पौधे कर दे तनिक सुवासित कविता उपवन
१९-८-२०१४
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