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गुरुवार, 18 जून 2020

लघुकथा ???

 ०१. अरुण अर्णव खरे  
गद्य-पद्य दो छोर हैं, अरुणार्णव लें जान 
खरे खरे रच रहे हैं जीवन में प्रतिमान
०२. ओम नीरव
नीरव में गुंजित हुआ, नूतन रचना गान 
ॐ दसों दिश व्याप्त है, लय लीनित मतिमान 
०३. ओमप्रकाश क्षत्रिय
ॐ प्रकाश बिखेरता, क्षत्रिय लेता छीन 
विप्र बाँटता वैश्य दे बेच, शूद्र ले बीन 
०४. उर्मि कृष्ण 
उर्मि तपस्या लीन है, कृष्ण इष्ट हैं साथ 
रहें अदिख यह जानती, कभी न छोड़े साथ 
०५. अर्चना राय
करें अर्चना शब्द की, लें लेखन पर राय 
नव उन्नति पग-पग मिले, खुलें नए अध्याय 
०६. अर्चना तिवारी
लघु में बसे विराट जब, तभी कथा हो ठीक 
नाम लघुकथा हो भले, गढ़े सतत नव लीक 
०७. अर्चना गंगवार 
समय साक्षी जो बने, वह लेखन स्वीकार्य 
कल को कल से जोड़ता, जो लेखन अनिवार्य 
०८. अर्चना मिश्र
कथ्य कथा का मूल है, हनु सम लघ्वाकार
सच सीता को खोज ले, जला असत आगार   
०९.  अर्विना गहलोत
बिन उद्देश्य कथा नहीं, हो सकती है पूर्ण 
कथ्य और संदेश बिन, है हर कथा अपूर्ण  
१०.  अपर्णा शर्मा
लघुकथा समय की साक्षी है और लघुकथाकार प्रस्तोता। 
११.  अपर्णा थपलियाल
लघुकथा में किसी अनुभव को गहनता के साथ उद्घाटित किया जाता है। 
१२.  अपराजिता अनामिका
अपराजिता जिजीविषा, है जीवन आधार 
अनामिका को नाम दे, बन उद्यम आधार 
१३. अपराजिता जग्गी
लघुकथा अंकुरित बीज की तरह लघु में विराट को समेटती है। 
१४.  आर.बी.भंडारकर
लघुकथा सम्भावना का भंडार घर है जिसका भरा रहना उज्जवल भविष्य का संकेत है।  
१५.  आरती रॉय
लघुकथा घटना के मूल को उद्घाटित करती है, आवरण में नहीं उलझती। 
१६.  अरुण कुमार गुप्ता 
बाल अरुण की तरह लघुकथा भावी उजास को दमन में समेटे रहती है। 
१७.  अरुण धर्मावत
लघुकथाकार का धर्म पूर्वाग्रह मुक्त रहना है। 
१८.  आभा अदीब राजदान
लघुकथा जलते दीप की तरह आभा बिखेरती है। 
१९.  आभा सिंह
लघुकथा की आभा दोपहर के सूर्य की तरह चकाचौंध नहीं करती, सांध्य सूर्य की तरह सौम्य होती है। 
२०.  आभा झा
लघुकथा की भाषा सहज-सरल. स्वाभाविक होना आवश्यक है। 
२१.  आलोक कुमार सातपुते
एक भी अनावश्यक शब्द न होना ही लघुकथा के सौंदर्यऔर लघुकथाकार की सामर्थ्य का परिचायक है। 
२२.  आले हसन खान
लघुकथा किसी घटना का प्रभाव जनसामान्य तक पहुँचाने का सशक्त माध्यम है। 
२३.  अम्बुजा एनमलखेडकर
लघुकथा का अपरिहार्य गुण प्रतीकात्मकता है। 
२४.  ओजेंद्र तिवारी
लघुकथा अतिशयोक्ति या नाटकीयता से दूर रहकर स्वाभाविकता में जीती है।  
२५.  अमरजीत कौंके
लघुकथा लिखना समाज सुधार के बौद्धिक आंदोलन से जुड़ने की तरह है।  
२६.  इरा जौहरी
प्रभावी लघुकथा में कथ्य और घटना का ताना-बाना कसा होना आवश्यक है। 
२७ .  उमेश महादोषी
लघुकथा पाठक के लिए चिंतन बिंदु का समावेश किये रहती है। 
२८.  उपमा शर्मा
लघुकथा की उपमा पद्य में क्षणिका से दी जा सकती है। 
२९.  उर्मिला मानक गौड़
लघुकथा गौड़ कथ्य को हाशिये से मुख्य पृष्ठ पर लाने का काम करती है। 
३०.  उर्मिला सिन्हा
लघुकथा चिन्तन को धार देती है। 
३१.  उषा अग्रवाल पारस
लघुकथा उषा की उजास की तरह पाठक के मानस को पारस स्पर्श देकर सोना बनाती है।  
३२.  ऊषा भदौरिया
लघुकथा में अभिव्यक्त जीवन-यथार्थ बहुआयामी होता है। 

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