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बुधवार, 24 जून 2020

स्मृति गीत / शोक गीत

स्मृति गीत / शोक गीत
संजीव 'सलिल'
याद आ रही पिता तुम्हारी
*
याद आ रहीपिता तुम्हारी...

तुम सा कहाँ मनोबल पाऊँ?
जीवन का सब विष पी पाऊँ.
अमृत बाँट सकूँस्वजनों को-
विपदा को हँस सह मुस्काऊँ.
विधि ने काहेबात बिगारी?
याद आ रही पिता तुम्हारी...
*
रही शीश पर जब तव छाया.
तनिक न विपदा से घबराया.
आँधी-तूफांजब-जब आये-
हँसकर मैंने गले लगाया.
बिना तुम्हारे हुआ भिखारी.
याद आ रही पिता तुम्हारी...
*
मन न चाहता खुशी मनाऊँ.
कैसे जग को गीत सुनाऊँ?
सपने में आकर मिल जाओ-
कुछ तो ढाढस-संबल पाऊँ.
भीगी अँखियाँ खारी खारी
याद आ रही पिता तुम्हारी...
*
२४-६-२०१०

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