कुल पेज दृश्य

शुक्रवार, 3 मई 2019

मुक्तिका

मुक्तिका  
*
मत अपना खुद गुणगान करो 
क्यों खुद पर तुम अभिमान करो 
*
जनतंत्र कहे कर्तव्य वरो 
मत-दान करो, मतदान करो 
*
भू पर वन-उपवन रहने दो 
तरु काट नहीं शमशान करो 
*
जैसी करनी, वैसी भरनी 
सोचो खुद को गुणवान करो 
*
देखो परखो सीखो मानो
मत आदम को भगवान करो  
***


कोई टिप्पणी नहीं: