कुल पेज दृश्य

सोमवार, 29 अप्रैल 2013

mubarak begum

समय-समय की बात:

मुफलिसी के दौर में मुबारक बेगम 

अपील 

अभी अभी मुंबई से भाई जनार्दन का फोन आया था । पता चला मुबारक बेगम फटेहाल जिंदगी जीने को मज़बूर हैं ।  पैसे के अभाव से मानसिक डिप्रेसन की स्थिति में हैं । ऊपर से बेटी बीमार । टैक्सी चालक बेटा कितना कमायेगा जिससे उऩकी देखभाल होगी ? क्यों ना हम ही आयें उनके सहयोग के लिए । हम सभी कला प्रेमी इतना तो कर ही सकते हैं । यह रहा उनका पता - 
Mubarak Begum
Sultanabaad Chiraag Housing Society
Building no.22, first floor
Flat no. c-111, Behram bagh Road
Jogeshwari west, Mumbai-400102..

‘कभी तन्हाइयों में, हमारी याद आएगी’
इस गीत को अपनी दिलकश आवाज देने वाली मुबारक बेगम मानो पूछ रही हैं कि किसी को कभी उनकी याद आएगी? यह सवाल उस बॉलीवुड से है जो सिर्फ उगते सूरज को सलाम करना जानता है। 60-70 के दशक में पार्श्वगीत और गजल गायकी में अपना लोहा मनवाने वाली बेगम आज गुमनामी और मुफलिसी में दिन गुजारने को मजबूर हैं। मुबारक बेगम ने कई गीत गाए, जो बेहद लोकप्रिय रहे और जिसे आज भी लोग गुनगुनाते हैं। उस दौर में
 बॉलीवुड में उनका रुतबा किसी स्टार से कम नहीं था, लेकिन आज उनकी जिंदगी मात्र 450 वर्ग फीट के एक कमरे में सिमटी है। जोगेश्वरी (पश्चिम) के म्हाडा कॉलोनी में उनका घर कबूतरखाने से कम नहीं है। इसी एक कमरे में वे बेटी, बेटे, बहू और पोती के साथ रहती हैं। तीन पोतियों की शादी कर चुकीं बेगम ही परिवार की आजीविका की एकमात्र स्नोत हैं। उनका बेटा प्राइवेट टैक्सी चलाता है। 40 साल की बेटी
 पार्किसन से पीड़ित है। बेबस लहजे में बेगम कहती हैं कि कभी-कभी उनका कोई प्रशंसक डिमांड ड्राफ्ट से पैसे भेज देता है। लेकिन अक्सर महीनों तक परिवार को पैसे-पैसे को मोहताज रहना पड़ता है। वे कहती हैं, ‘कभी-कभी तो हमारे पास इतने पैसे भी नहीं होते कि बिजली बिल चुकाएं। बेटी के इलाज पर ही हर माह करीब 6000 रुपये खर्च होते हैं। आर्थिक तंगी के कारण मैंने अपने पेट की सजर्री नहीं कराई।’

अपने समय की बेहतरीन गायिका से जब बॉलीवुड की हस्तियों ने मुंह फेर लिया तब एक समूह उनकी मदद के लिए आगे आया जो उन फिल्मी हस्तियों को आर्थिक मदद मुहैया कराता है जिन्हें बॉलीवुड ने भुला दिया।

दीप्ति गुप्ता 

 पता चला कि  बीते ज़माने की  लोप्रिय  गायिका  'मुबारक बेगम'  फटेहाल जिंदगी जीने को मज़बूर हैं । पैसे के अभाव से मानसिक डिप्रेशन की स्थिति में हैं । ऊपर से बेटी बीमार । टैक्सी चालक बेटा कितना कमायेगा जिससे उऩकी देखभाल होगी ? 


‘कभी तन्हाइयों में, हमारी याद आएगी’
इस गीत को अपनी दिलकश आवाज देने वाली मुबारक बेगम मानो पूछ रही हैं कि किसी को कभी उनकी याद आएगी? यह सवाल उस बॉलीवुड से है जो सिर्फ उगते सूरज को सलाम करना जानता है। 60-70 के दशक में पार्श्वगीत और गजल गायकी में अपना लोहा मनवाने वाली बेगम आज गुमनामी और मुफलिसी में दिन गुजारने को मजबूर हैं। मुबारक बेगम ने कई गीत गाए, जो बेहद लोकप्रिय रहे और जिसे आज भी लोग गुनगुनाते हैं। उस दौर में बॉलीवुड में उनका रुतबा किसी स्टार से कम नहीं था, लेकिन आज उनकी जिंदगी मात्र 450 वर्ग फीट के एक कमरे में सिमटी है। जोगेश्वरी (पश्चिम) के म्हाडा कॉलोनी में उनका घर कबूतरखाने से कम नहीं है। इसी एक कमरे में वे बेटी, बेटे, बहू और पोती के साथ रहती हैं। तीन पोतियों की शादी कर चुकीं बेगम ही परिवार की आजीविका की एकमात्र स्नोत हैं। उनका बेटा प्राइवेट टैक्सी चलाता है। 40 साल की बेटी पार्किसन से पीड़ित है। बेबस लहजे में बेगम कहती हैं कि कभी-कभी उनका कोई प्रशंसक डिमांड ड्राफ्ट से पैसे भेज देता है। लेकिन अक्सर महीनों तक परिवार को पैसे-पैसे को मोहताज रहना पड़ता है। वे कहती हैं, ‘कभी-कभी तो हमारे पास इतने पैसे भी नहीं होते कि बिजली बिल चुकाएं। बेटी के इलाज पर ही हर माह करीब 6000 रुपये खर्च होते हैं। आर्थिक तंगी के कारण मैंने अपने पेट की सजर्री नहीं कराई।’

अपने समय की बेहतरीन गायिका से जब बॉलीवुड की हस्तियों ने मुंह फेर लिया तब एक समूह उनकी मदद के लिए आगे आया जो उन फिल्मी हस्तियों को आर्थिक मदद मुहैया कराता है जिन्हें बॉलीवुड ने भुला दिया।

 उनका पता - 
Mubarak Begum
Sultanabaad Chiraag Housing Society
Building no.22, first floor
Flat no. c-111, Behram bagh Road
Jogeshwari west, Mumbai-400102

_

कोई टिप्पणी नहीं: