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शनिवार, 1 जनवरी 2022

सॉनेट नया साल

सॉनेट
नया साल
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नया साल है, नया हाल है, चाल नई।
आशा-आक्रमणों का सफर नया हो अब।
अमरकंटकी नीर सदा, निर्मल हो अब।।
याद न कर जो बीत गई सो बीत गई।।

बना सके तो बना सृजन की रीत नई।
जैसा था वैसा ही है इंसां, जग, रब।
किया न अब साकार करेगा सपना कब?
पुरा-पुरातन हो प्रतीत अब प्रीत नई।।

नया-पुराना, चित-पट, दो पहलू जैसे।
करवट बदले समय न जानें हम कैसे?
नहीं बदलते रहते जैसे के तैसे।

जैसे भी हो पाना चाहें पद-पैसे।
समझ न पाते अकल बड़ी हैं या भैंसें?
जैसी चाह आओ बन जाएँ, हम वैसे।।
१-१-२०२२ 
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