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शनिवार, 11 दिसंबर 2021

हाइकु

हाइकु सलिला 
*
धरती फ़टी 
सिहर गया बीज 
ऊगा अंकुर। 
*
सलिल मिला 
पवन गले लगा 
पल्लव उगे। 
*
रवि रश्मियाँ 
लड़ाने लगीं लाड़ 
फ़ैली शाखाएँ। 
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देखे अदेखे 
सपने सुकुमार 
कोमल कली। 
*
गुनगुनाते 
भ्रमर मँडराए 
कुसुम खिला। 
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लगन लगी 
वर लिया अद्वैत 
सुफल मिला। 
*
ख़ुशी अनंत 
साँसों में बसंत 
यात्रा अनंत 
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