दोहा दुनिया
पा पा कह हर इच्छित पाने को जो प्रोत्साहित करते।
नतमस्तक को पापा कहकर प्यार उन्हें बच्चे करते।।
*
जड़ाते जब कभी ठंडी में हम तो हमें बरबस ही
बरफ गोला औ कुल्फी वाला मटका याद आता है
*
प्रेम करें राधा-किशन, होते सुमिर विदेह।
मन्मथ मन मथ कहे हम, भाव न केवल देह।।
*
१८-६-२०१९
पा पा कह हर इच्छित पाने को जो प्रोत्साहित करते।
नतमस्तक को पापा कहकर प्यार उन्हें बच्चे करते।।
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जड़ाते जब कभी ठंडी में हम तो हमें बरबस ही
बरफ गोला औ कुल्फी वाला मटका याद आता है
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प्रेम करें राधा-किशन, होते सुमिर विदेह।
मन्मथ मन मथ कहे हम, भाव न केवल देह।।
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१८-६-२०१९
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