दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु
A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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बुधवार, 28 सितंबर 2016
doha
एक दोहा- * जब चाहा स्वामी लगा, जब चाहा पग-दास कभी किया परिहास तो, कभी दिया संत्रास *
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